पीड़िता की पहचान उजागर करने मे शामिल दो कथित अधिवक्ता सह पत्रकार की संदिग्ध भूमिका क्या ” Quid pro quo ” है?

जिस प्रकार इन खबरों को प्लांट किया गया है वह देखकर लगता है जैसे इस केस के आड़ में सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही हो

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बलात्कार पीड़िता को बदनाम करने के मकसद मे लिप्त देश के दो प्रमुख अखबार

यह सीधे तौर पर भारतीय दंड संहिता 228A के तहत एक कानूनन जुर्म है, इसके अनुसार किसी बलात्कार पीड़ित से जुड़ी खबर/ जानकारी/सूचना देते हुए उसकी निजता भंग नहीं किया जा सकता, ऐसा करना अपराध की श्रेणी मे माना जाएगा Continue reading बलात्कार पीड़िता को बदनाम करने के मकसद मे लिप्त देश के दो प्रमुख अखबार

सोपोर हत्या की तस्वीर लेने वाले का क्या है रहस्य

इस तरह के ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं पर जवाब देने के बजाय सवाल करने वाले को प्रशसन द्वारा धमकाया जा रहा है इस घटना की तस्वीर देख कर सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से का सुनामी उमर पड़ा, इस फोटोग्राफर ने अमानवीयता की सभी हदें पार करने का काम किया है। सरकार इसके … Continue reading सोपोर हत्या की तस्वीर लेने वाले का क्या है रहस्य

लाॅक डाउन के नाम पर ऐसी पुलिस बर्बरता जो इंसानियत को झकझोर दे

” एक महिला और बड़ी बहन होने के नाते उन शरीर के साथ हुए अमानवीय कृत्य को खुल कर बता पाना संभव नहीं है। मेरे पापा और भाई के साथ वास्तविक में जो हुआ है वह बात मैं अपनी मां को कभी नहीं बता पाऊंगी” हमें बस न्याय चाहिए ताकि ऐसा किसी के साथ दुबारा ना हो। Continue reading लाॅक डाउन के नाम पर ऐसी पुलिस बर्बरता जो इंसानियत को झकझोर दे

कश्मीर – यहां कातिल भी तुम, मुंसिफ भी तुम

  मुस्लिम लीडरशिप और सेकलारिज्म की कसमें खाने वाले नेताओं के लिए कश्मीर मुद्दा क्यों नहीं है? मुस्लिम लीडरशिप का झंडा थामे दौर रहे नेताओं, सेकलारिज्म की कसमें खाने वाले नेताओं के लिए कश्मीर मुद्दा क्यों नहीं है?पिछले 11 महीने से अनिश्चितताओं की ओर धकेल दिए गए कश्मीरियों की परवाह किसी भारतीयों को नहीं है। एक … Continue reading कश्मीर – यहां कातिल भी तुम, मुंसिफ भी तुम

मजदूरों का समर्थन और मजदूर हित की बातें करने वाले शंकर गुहा नियोगी

1990 का समय आते-आते नियोगी का संगठन इतना बड़ा हो चुका था कि बड़े बड़े उद्योगपति संगठन की ताकत से घबराते थे पुण्यतिथि ( 28 सितंबर) पर श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी को नमन शंकर गुहा नियोगी का असली नाम धीरेश था। 1970 के दशक में धीरेश जलपाईगुड़ी से भिलाई छत्तीसगढ़ आये और भिलाई इस्पात … Continue reading मजदूरों का समर्थन और मजदूर हित की बातें करने वाले शंकर गुहा नियोगी

जया बच्चन के नाम खुला पत्र

आदरणीय सांसद महोदया सह वरिष्ठ अभिनेत्री, जया बच्चन संसद मे आपके भाषण से पता चला कि हैदराबाद बलात्कार की घटना से आप अत्यंत क्रोधित और क्षुब्ध है जो होना वाजिब भी है, आप स्वयं महिला है और उससे भी ज्यादा माँ और दादी भी है, हो सकता है अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित … Continue reading जया बच्चन के नाम खुला पत्र

How dare you – Greta Thunberg

Greta Thunberg विश्व भर मे सबसे ज्यादा चर्चा किए जाने वाला नाम बन चुका है, एक सोलह साल की लड़की जो पिछले कई वर्षों से जलवायु परिवर्तन पर आंदोलन कर रही है कल यूएन मे उसे बोलने का मौका दिया गया था। यूएन मे 60 देश के प्रतिनिधियों का जलवायु एक्शन कमिटी की मीटिंग मे … Continue reading How dare you – Greta Thunberg

हमारा नायक कन्नन गोपीनाथन

पिछले साल केरल मे आए बाढ़ के दौरान एक आईएएस अधिकारी अपनी पहचान गुप्त रख राहत कार्यों मे हाथ बँटा रहा था तीन दिनों के बाद एक बैचमेट आइएएस अधिकारी ने राहत कार्यों मे जुटे लोगों के तस्वीरों के बीच उसकी तस्वीर अखबार मे देखी, तब जाकर उसके साथ काम कर रहे वोलेंटियर को पता … Continue reading हमारा नायक कन्नन गोपीनाथन

आजाद कश्मीर का अर्थ लोकतांत्रिक संप्रभु राष्ट्र

हम वही लोग हैं जिन्होंने 2014 विधानसभा चुनाव में 65% का रिकॉर्ड मतदान करवाया था- पिछले तीस सालों मे सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत- अलगाववादी नेताओं द्वारा लोगों को बहिष्कार के लिए भड़काने के बावजूद। यह वही अलगाववादी नेता हैं जिन्होंने कुछ वर्षों पहले 2010 में लाखों कश्मीरी को जिहाद के नाम पर सड़क पर उतार … Continue reading आजाद कश्मीर का अर्थ लोकतांत्रिक संप्रभु राष्ट्र

RTI संशोधन और सरकार की मंशा

RTI संशोधन बिल को राज्यसभा मे भी पास कर दिया गया है, RTI एक्टीविस्ट और विपक्ष के कुछ दलों के विरोध के बावजूद 22 जुलाई 2019 को लोकसभा द्वारा पास किया गया था अब राज्यसभा ने भी इस संशोधन पर मुहर लगा दिया है। आइए जानतें हैं कि सूचना का अधिकार है क्या और इसमे … Continue reading RTI संशोधन और सरकार की मंशा

अंतर्जातीय विवाह “गुनाह” या “कल्याण”?

अंतर्जातीय विवाह का दूसरा नाम गुनाह है जिसे छोटी मोटी सजा देकर माफ़ किया जा सकता है, मगर तथाकथित छोटी जाति से अंतर्जातीय विवाह के लिए मृत्यदंड देकर भी माफ़ नहीं किया जा सकता। यह संविधान का नहीं बल्कि सामाजिक और पारिवारिक संस्थाओं के शासन का अलिखित कानून है, इस कानून में न आरोपी पक्ष … Continue reading अंतर्जातीय विवाह “गुनाह” या “कल्याण”?

पंडित जवाहर लाल नेहरू का वसीयतनामा

मुझे भारत के लोगों से इतना प्यार और स्नेह मिला है कि मैं इसका एक छोटा सा अंश भी उन्हें लौटा नहीं सकता, और वास्तव में स्नेह जैसी मूल्यवान चीज के बदले में कुछ लौटाया भी नहीं जा सकता। इस देश में कई लोगों की प्रशंसा की गई है, कुछ को श्रद्धेय समझा गया है, … Continue reading पंडित जवाहर लाल नेहरू का वसीयतनामा

मैं नास्तिक क्यूँ हुँ “भगत सिंह”

हम आस्तिकों से कुछ प्रश्न करना चाहते हैं। यदि आपका विश्वास है कि एक सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक और सर्वज्ञानी ईश्वर है, जिसने विश्व की रचना की, तो कृपा करके मुझे यह बतायें कि उसने यह रचना क्यों की? कष्टों और संतापों से पूर्ण दुनिया – असंख्य दुखों के शाश्वत अनन्त गठबन्धनों से ग्रसित! एक भी व्यक्ति तो पूरी तरह संतृष्ट नही है। कृपया यह न कहें कि यही उसका नियम है। यदि वह किसी नियम से बँधा है तो वह सर्वशक्तिमान नहीं है। वह भी हमारी ही तरह नियमों का दास है। कृपा करके यह भी न कहें कि यह उसका मनोरंजन है। Continue reading मैं नास्तिक क्यूँ हुँ “भगत सिंह”